नमस्कार दोस्तो आशा है कि आप सभी लोग स्वस्थ और कुशल होंगे ओर अपने जीवन में सुख शांति से जीवन व्यतीत कर रहे होंगे।।
दोस्तो आज मैं बताने जा रहा हु भारत के बीर महापुरुष महाराणा प्रताप के बारे मैं जिनकी आज पुण्य तिथि हैं मै उन्हें सत सत नमन करता हु और अपने को बड़ा सौभाग्यशाली मानता हु की मैने भी इसी पुण्य जगह पे जन्म लिया।।।
दोस्तो यह जानकारी मैने कुछ किताबों और कुछ अलग सोसियाल मीडिया के द्वारा पड़ा है और तब मैं यह पोस्ट कर रहा हूं।।।
भारतीय इतिहास में राजपूताना का गौरवपूर्ण स्थान रहा है या किरण कुमार ने देश जाति धर्म तथा स्वाधीनता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया उनके उनके यस चौक का संपूर्ण भारत को गर्व हो रहा है ड्यूटी भूमि में राजपूतों के छोटे-बड़े अनेक राज्य रहे जिन्होंने भारत की जनता के लिए संघर्ष किया उन्हें राज्य में मेवाड़ का अपना एक विशिष्ट स्थान है जिसमें इतिहास के गानों रूपा रावल नाम प्रथम राणा हमीर महाराणा कुंभा राणा सांगा और शिरोमणि महाराणा प्रताप ने जन्म लिया है के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और सॉरी के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं एक ऐसा राजपूत जिसने जंगलों में रहना पसंद किया लेकिन कभी विदेशी उम्र की दासता स्वीकार नहीं की उन्होंने धर्म वालों को जनता के लिए सब कुछ निकाल कर दिया।।
ऐसे तो भारत मै कई महापुरुष जन्मे ओर जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने मै अपना अपना पूरा जीवन ही निछावर कर दिया।। इन्ही महापुरुष मै से एक थे महाराणा प्रताप।।
महाराणा प्रताप का वास्तविक नाम :महाराणा प्रताप
जन्म :९ मई १५४०
कद : ७ फूट ४इंच लंबे ।
जन्म स्थान: उदयपुर , मेवाड़ कुंभलगढ़ दुर्ग
बचपन का नाम : कीका था ।
पिता का नाम : महाराणा उदयसिंह।
माता का नाम : महारानी जयवंताबाई था
महाराणा प्रताप की 11 पत्नियां थी।।
महाराणा प्रताप का वजन 110 किलोग्राम तथा उनके भाले का वजन 81 किलोग्राम कवच का वजन 72 किलोग्राम युद्ध के दौरान महा प्रताप का वजन 280 किलोग्राम अस्त्र-शस्त्र सहित होता था महा प्रताप का घोड़ा चेतक युद्ध कला में प्रवीण था।।।
महाराणा प्रताप जब भी युद्ध मै जाते थे तो अपने घोड़े चेतक के मुख पर हाथी का मुकुट लगाते थे ताकि दूसरे सेना के हाथी कन्फ्यूज हों।।
मुगल सम्राट अकबर और महाराणा प्रताप का जब युद्ध हुआ तब महाराणा प्रताप ने अकबर की सेना के छक्के छुड़ा दिये और उनके पसीने छुड़वा दिया थे उनकी यही वीरता के किस्से पूरे दुनिया भर मै तभी मशहूर माने जाते हैं।।
महाराणा प्रताप जब भी युद्ध पर निकलते थे तो अपने साथ दो तलवार हमेशा रखते थे ताकि उनका दुश्मन के पास को हथियार ना हो तो वो एक उसे देते थे निहत्थे पर वह कभी वार नही करते थे ।।
महाराणा प्रताप का वार इतना खतरनाक हुआ करता था जब भी वह किसी पे अपनी तलवार चलाते थे तो घोड़े के साथ उस पर बैठे हुए आदमी के भी वाह दो कर देते थे।
महाराणा प्रताप की मृत्यु का कारण बताया जाता है की वह जब धनुष की डोर खीच रहे थे तो डोर खींचते उनकी आंत मै लग गई और इलाज के दौरान उन्हें बचा नही पाए।।।
ओर यह भी कहा जाता है की जब महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई तो उनका दुश्मन था अकबर वो भी रो पड़ा था।।
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